Love Poetry In Hindi prem kavita
Love Poetry – Ishq Mohabbat par Hindi kavita, Urdu poetry in hindi. Love Poems in hindi font.
कहानी जिनकी थी उसके ही जैसा हो गया था मैं
तमसा करते करते खुद तमाशा हो गया था मैं।
न मेरा नाम था न दाम बाजारे मोहब्बत में
बस उसने भाउ पूछा और महंगा हो गया था मैं।
बिता दी उम्र मैंने उसकी एक आवाज सुनने में
उसे जब बोलने आया तो बहरा हो गया था मैं।
Love Poetry english
khani jiski thi uske jaisa ho gya tha mai
tmasha karte karte khud tmasha ho gya tha mai
n mera naam tha n daam tha bajar muhabbat me
bas usne bhav puchha or mahnga ho gya tha mai
bita di umar maine uski ek awaz sunne me
use jab bolna aya to bahra ho gya tha mai
Hindi Poem On Love Relations
कभी दिल चाहता है आईना मैं बन जाऊ तेरा
मुझे ही देख के कभी खुद को निखारो तुम।
मुझे ही देख के खुद को सवारों तुम।
कभी दिल चाहता है रास्ता मैं बन जाऊ तेरा
तेरे नाजुक कदम चलते रहे मेरे बदन पर
चरागों की तरह जलते रहे मेरे बदन पर
गुलाबो की तरह खिलते रहे मेरे बदन पर।
महक खिल जाए तेरे जिस्म की मेरे बदन में
सार घुल जाए तेरे जिस्म का मेरे बदन में।
2 Line Urdu Love poetry in hindi
मेरी बातों का, मेरी यादों का
हिसाब कर के देखो
इनमे बेहिसाब हो तुम
आखिर… मजबूरियां जीत जाती हैं
मुहब्बत… अक्सर हार जाती है
वो तो खुशबु है हवाओं में विखर जायेगा
मसला फूल का है वो किधर जायेगा
मुहब्बत मिल नहीं सकती मुझे मालूम है साकी
खामोश बैठा हूँ, मुहब्बत जो कर बैठा हूँ
टूट चूका है वो जो
तुम्हे टूट के चाहता था
कभी आंसू कभी सजदा
कभी हाथों का उठ जाना
इंसान जब टूट जाता है तो
खुदा बहुत याद आता है
ऐ दोस्त खुदा से दुआ में क्या मांगूं तेरे वास्ते
बस दुआ ये है की तूं कभी दुआओं का मोहताज़ न हो
न मुहब्बत न दोस्ती हमें कुछ रास नयी आया
सब बदल जाते हैं दिल में जगह बनाने के बाद
यूँ तुम खफा न हो के तेरा हुसन ही ऐसा था
मैं तुझसे प्यार न करता तो क्या करता
मैं अपनी दोस्ती को शहर में रुस्वा नहीं करता
मुहब्बत मैं भी करता हूँ मगर चर्चा मैं नहीं करता
हम इश्क के इ में ऐसे उलझे
के बदनाम हो गए पुरे शहर में
जो इशक के क तक पहुंचे
इन्होने ही मंजिल पाई होगी
जिंदगी तुझ पर बहुत गौर किया मैंने
तूं रंगीन ख्वाबों के सिवा कुछ भी नहीं
चाहत अगर हसरत बन जाए तो
न जिया जाता है न मरा जाता है
दिल भी आज ये कह कर डरा रहा है
करो याद उसे वरना मैं धड़कना छोड़ दूंगा