hindi poetry on mother माँ की याद आई
hindi poetry on mother
जब अकेला रहा तो माँ की याद आई।
,अँधेरे में था तो माँ की याद आई।
जब भूख लगी तो माँ की याद आई।
नींद नहीं आयी तो माँ की याद आई।
सोचने में कितनी आसान लगती थी ये ज़िंदगी।
जब खुद से जीना सीखा तो माँ की याद आई।
तभी लगा की माँ इतनी मतलब कैसे हो सकती है
हमसे भी ज्यादा हमारे लिए कैसे सो सकती है।
लेकिन सच तो ये है की वो माँ ही होती है।
जो हमारा पेट भरकर खुद भूखी है।