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बेवफाई का मेरा कोई इरादा न था Bewafayi poetry in hindi

 Bewafayi poetry in hindi

बेवफाई का मेरा कोई इरादा न था 

मोड़ पर मिलेगे इसका वादा न था

रास्ता रोककर खड़ी हो गयी

दोस्ती चाहत से बड़ी हो गयी।

मौत की उम्र क्या दो पल भी नहीं

 ज़िंदगी का सिलसिला पुराना हो गया 

मैं जी भर जिया मन से मरुँ 

लौटकर आऊंगा मोत से क्या डरूं। .

तू दबे पाव चोरी छिपे से न आ

 सामने वॉर कर फिर मुझे आजमा

मौत से बेखबर ज़िंदगी का सफर

 हर शाम सुरमयी रात बंसी की धुन 

bewafa poetry in hindi photo download

Bewafayi ka mera koe irada n tha

kisi mod par milenge iska bada na tha

rasta rok kar khadi ho gayi

dosti chahat se badi ho gayi

mot ki umr kya do pal bhi nahi

jindagi ka silsila purana ho gya

mai ji bhar jiya man se maru

lot ke aunga mot se kya daru

tu dabe pao chori chhipe n aa

samne bar kar fir mujhe azma

mot se bekhabar jindagi ka safr

har sham surmayi rat bansi ki dhun

    Sad Love Poetry bewafa 

तुम मेरा गम हो आँख के पानी में रहो।

मुझे मालूम है तुम लव नहीं कर सकते

तो हवस बनकर मेरे जिस्मानी में रहो।

तुमसे दोबारा मोहब्बत तो नहीं हो सकी

तुम मेरे साथ दुसमन जानी में रहो।

ये नई दुनिया तुम्हे रास नहीं आएगी

लौट आओ मेरी जान पुरानी में रहो।

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