जिंदगी पर कविता Hindi Poetry Truth of Life
Hindi Poetry About Life
जिसे हम ओढ़ के निकले थे आग़ाजी जवानी में
मेरी मुठी से ये बालू सरक जाने को कहती है
के अब ये ज़िंदगी भी मुझसे थक जाने को कहती है।
जिसे हम ओढ़ के निकले थे आग़ाजी जवानी में
वो चादर अब ज़िंदगी को मसक जाने को कहती है।
कहानी ज़िंदगी की क्या सुनाये अहल-ए-महफ़िल को
शक़्कर घुलती नहीं और खीर पक जाने को कहती है।
मैं अपनी लड़खड़ाहट से परेशान हु लेकिन
पोती मेरी अंगुली पकड़ कर दूर तक जाने को कहती है।
jise hum od ke nikle the agazi jwani me
Meri muthi se ye balu sarak jane ko kahti hai
ke ab ye jindagi bhi mujhse thak jane ko kahti hai
jise hum od ke nikle the agazi jwani me
wo chader ab jindagi ki msk jane ko kahti hai
kahani jindagi ki kya sunaye ahl ae mahfil ko
shaker ghulti nahi or kheer pak jane ko kahti hai
mai apni ladkhdahat se pareshan hu lekin
Poti meri ungli pakad ke door jane ko kahti hai
Beautiful Poetry on life in hindi
मैं भी तुम जैसा हु
अपने से जुदा मत समझो
आदमी ही रहने दो
खुदा मत समझो।
ये जो मैं होश में रहता
नहीं तुमसे मिलकर
ये मेरा इसक है इसको
तुम नशा मत समझो।
रास ये आता हो सबको
मोहब्बत का मरज
मेरी बीमारी को तुम
अपनी दवा मत समझो।